प्रधानमंत्री 5 अक्टूबर 2024 को महाराष्ट्र के वाशिम में पीएम-किसान योजना की 18वीं किस्त जारी करेंगे

PM addresses the First International Solar Festival via video message on September 05, 2024.

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 5 अक्टूबर 2024 को महाराष्ट्र के वाशिम में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना की 18वीं किस्त जारी करेंगे। इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में देश भर के 9.4 करोड़ से अधिक किसानों को प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के माध्यम से बिना किसी बिचौलिए की भागीदारी के 20,000 करोड़ रुपये से अधिक का प्रत्यक्ष वित्तीय लाभ मिलेगा।

इस अवसर पर महाराष्ट्र के राज्यपाल श्री सी.पी. राधाकृष्णन, भारत सरकार के कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री श्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री श्री अजीत पवार और श्री देवेंद्र फड़नवीस तथा मृदा एवं जल संरक्षण मंत्री श्री संजय राठौड़, जो वाशिम और यवतमाल जिलों के संरक्षक मंत्री भी हैं, उपस्थित रहेंगे। इस कार्यक्रम में 732 कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके), 1 लाख से अधिक प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों और देश भर के 5 लाख सामान्य सेवा केन्द्रों समेत लगभग 2.5 करोड़ किसान वेबकास्ट के माध्यम से शामिल होंगे। निधि जारी होने के दिन को पीएम-किसान उत्सव दिवस के रूप में मनाया जाएगा तथा इसके लिए राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में विशेष कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे।

24 फरवरी 2019 को लॉन्च की गई पीएम-किसान योजना तीन बराबर किस्तों में भूमिधारक किसानों को सालाना 6,000 रुपये प्रदान करती है। प्रधानमंत्री 5 अक्टूबर को पीएम-किसान की 18वीं किस्त जारी करेंगे। 18वीं किस्त जारी होने के साथ ही इस योजना के तहत कुल संवितरण निधि 3.45 लाख करोड़ से अधिक हो जाएगी। इस कार्यक्रम से देश भर में 11 करोड़ से अधिक किसानों को सहायता मिलती है और ग्रामीण विकास तथा कृषि समृद्धि के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि होती है।

महाराष्ट्र में, योजना की 17 किस्तों में लगभग 1.20 करोड़ किसानों को करीब 32,000 करोड़ रुपये अंतरित किए गए हैं, जो भारत के सभी राज्यों में दूसरी सबसे अधिक धनराशि है। 18वीं किस्त में लगभग 91.51 लाख किसानों को 1,900 करोड़ रुपये से अधिक का लाभ मिलेगा।

पीएम-किसान किस्त वितरण के साथ-साथ, प्रधानमंत्री नमो शेतकारी महासम्मान निधि योजना की 5वीं किस्त के तहत महाराष्ट्र के किसानों को लगभग 2,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त लाभ भी जारी करेंगे, ताकि उनके प्रयासों को और समर्थन मिल सके।

इसके अलावा, कृषि अवसंरचना को बढ़ावा देने के एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में, इस कार्यक्रम में नई सरकार के पहले 100 दिनों में कृषि अवसंरचना कोष (एआईएफ) के तहत पूरी की गई विभिन्न परियोजनाओं का लोकार्पण होगा। 2020 में शुरू किया गया कृषि अवसंरचना कोष (एआईएफ), मध्यम से दीर्घकालिक ऋण वित्तपोषण सुविधा है, जिसका उद्देश्य फसल-कटाई के बाद के प्रबंधन की अवसंरचना और सामुदायिक कृषि परिसंपत्तियों का विस्तार करना है। यह योजना पात्र उधार लेने वालों को 3% ब्याज अनुदान और ऋण गारंटी सुविधा के साथ एक लाख करोड़ रुपये का ऋण प्रदान करती है। पिछले 100 दिनों में, देश भर में 10,066 से अधिक कृषि-अवसंरचना परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है, जिनके लिए 6,541 करोड़ रुपये अनुमोदित किये गए हैं (इनमें 97.67 करोड़ रुपये की स्वीकृत राशि के साथ एफपीओ की 101 परियोजनाएं शामिल हैं)। इसके अतिरिक्त, 1,929 करोड़ रुपये की कुल मंजूरी के साथ 7,516 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं, जिनका लोकार्पण किया जाएगा। इनमें 13.82 करोड़ मूल्य की 35 एफपीओ परियोजनाएं भी शामिल हैं। ये परियोजनाएं कृषि अवसंरचना को मजबूत कर रही हैं, भंडारण, प्रसंस्करण और लॉजिस्टिक्स सुविधाओं में सुधार कर रही हैं तथा एफपीओ को परिचालन सुविधा का विस्तार करने में सक्षम बना रही हैं, जिससे किसानों और पूरे कृषि क्षेत्र को काफी लाभ हो रहा है।

एक मजबूत मूल्य आपूर्ति श्रृंखला स्थापित करने तथा छोटे, सीमांत और भूमिहीन किसानों का समर्थन करने के लिए, भारत सरकार ने देश के प्रत्येक ब्लॉक को शामिल करते हुए 10,000 एफपीओ के गठन और प्रोत्साहन के लिए केंद्रीय क्षेत्र योजना (सीएसएस) की शुरुआत की थी। आज तक, लगभग 9,200 एफपीओ गठित किये गए हैं, जिससे 24 लाख किसान लाभान्वित हुए हैं, जिनमें 8.3 लाख महिलाएं और 5.77 लाख एसटी और एससी लाभार्थी शामिल हैं। इन एफपीओ का अब संयुक्त वार्षिक कारोबार 1,300 करोड़ रुपये से अधिक है, और इन्हें भी कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्र को समर्पित किया जाएगा।

प्रधानमंत्री के ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के दृष्टिकोण के अनुरूप, एक स्वदेशी सेक्स-सॉर्टेड सीमेन उत्पादन तकनीक का भी कार्यक्रम के दौरान शुभारंभ किया जाएगा। इस किफायती तकनीक का उद्देश्य किसानों के लिए सेक्स-सॉर्टेड सीमेन की उपलब्धता बढ़ाना है। इस तकनीकसे लागत में प्रति खुराक लगभग 200 रुपये की कमी आएगी। इसके अतिरिक्त, प्रधानमंत्री पशुपालन और डेयरी विभाग (डीएएचडी) द्वारा विकसित एकीकृत जीनोमिक चिप – मवेशियों के लिए ‘गौ चिप’ और भैंस के लिए ‘महिष चिप’ – का भी शुभारंभ करेंगे। भारतीय नस्लों के लिए तैयार की गई यह चिप किसानों को कम उम्र में युवा, उच्च गुणवत्ता वाले बैलों की पहचान करके पशु चयन पर जानकारी आधारित निर्णय लेने में सक्षम बनाएगी, जिससे भारत में पशुपालन गतिविधियों की दक्षता में सुधार होगा।

प्रधानमंत्री कुसुम-सी (एमएसकेवीवाई 2.0) योजना के तहत लगभग 3,000 मेगावाट के लिए पुरस्कार पत्रों और ग्राम पंचायतों के लिए सामाजिक विकास अनुदान का ई-वितरण भी करेंगे। 19 मेगावाट की कुल क्षमता वाले पांच सौर पार्क एमएसकेवीवाई 2.0 के तहत राष्ट्र को समर्पित किए जाएंगे, जो स्थाई बिजली समाधान में योगदान देंगे, किसानों को दिन में बिजली उपलब्धता की सुविधा देंगे तथा भूमि पट्टे के माध्यम से अतिरिक्त आय का स्रोत उपलब्ध करायेंगे।

5 सौर पार्क निम्नलिखित हैं:

(i) ढोंडलगांव, छत्रपति संभाजी नगर-3 मेगावाट

(ii) बामनी बी.के. नांदेड़ – 5 मेगावाट

(iii) कोंडगिरी, कोल्हापुर – 3 मेगावाट

(iv) जलालाबाद, अकोला – 3 मेगावाट

(v) पालशी बी.के. बुलढाणा – 5 मेगावाट

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

आपने नहीं देखा