प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी पोलैंड यात्रा में एक नया अध्याय लिखा

वारसॉ में आयोजित वार्ता के दौरान भारत और पोलैंड के प्रधानमंत्रियों के बीच बनी आम सहमति के आधार पर और रणनीतिक साझेदारी की स्थापना से द्विपक्षीय सहयोग में आई तेजी को मान्यता देते हुए दोनों पक्षों ने एक पंचवर्षीय कार्य योजना तैयार करने और उसे क्रियान्वित करने पर सहमति व्यक्त की। यह कार्य योजना वर्ष 2024-2028 के दौरान निम्नलिखित क्षेत्रों में प्राथमिकता के आधार पर द्विपक्षीय सहयोग का मार्गदर्शन करेगी।

राजनीतिक संवाद और सुरक्षा सहयोग

दोनों पक्ष विदेश मंत्रियों के बीच नियमित संपर्क बनाए रखेंगे और वे इन बातचीत के लिए द्विपक्षीय और बहुपक्षीय दोनों मंचों का उपयोग करेंगे।

दोनों पक्ष संयुक्त राष्ट्र चार्टर की भावना के साथ बहुपक्षीय सहयोग में योगदान देने के लिए मामले.दर.मामले के आधार पर एक.दूसरे की आकांक्षाओं का समर्थन करने पर विचार करेंगे।

दोनों पक्ष विदेश संबंधों के प्रभारी उप मंत्री के स्तर पर वार्षिक राजनीतिक बातचीत आयोजित करना सुनिश्चित करेंगे।

दोनों पक्ष प्रासंगिक संस्थानों को रक्षा उद्योगों के बीच संपर्क को बढ़ावा देनेए सैन्य उपकरणों के आधुनिकीकरण और लंबित मुद्दों को हल करने के लिए सुरक्षा और रक्षा सहयोग पर नियमित परामर्श आयोजित करने के लिए प्रोत्साहित करेंगे।

दोनों पक्षों ने निर्णय लिया कि रक्षा सहयोग के लिए संयुक्त कार्य समूह का अगला दौर 2024 में होगा।

दोनों पक्ष उच्च तकनीक, कृषि, कृषि प्रौद्योगिकी, खाद्य प्रौद्योगिकी, ऊर्जा, जलवायु, हरित प्रौद्योगिकी, बुनियादी ढांचे, स्मार्ट शहरों, रक्षा, स्वास्थ्य सेवाए फार्मास्यूटिकल्स और खनन आदि क्षेत्रों में अवसरों को पहचानते हुए 2024 के अंत में निर्धारित संयुक्त आर्थिक सहयोग आयोग; जेसीईसीद्ध की अगली बैठक के दौरान इन क्षेत्रों में आगे सहयोग की संभावनाओं की तलाश करेंगे।

दोनों पक्ष हर पांच साल में कम से कम दो बार जेसीईसी की बैठकें आयोजित करने का प्रयास करेंगे और यदि आवश्यक हुआ तो अधिक बार बैठकें आयोजित करने की संभावनाओं पर विचार करेंगे।

दोनों पक्ष संतुलित द्विपक्षीय व्यापार करने और व्यापार को सुचारू एवं निवेश को सुविधाजनक बनाने के लिए सभी मुद्दों को संबोधित करने की दिशा में काम करेंगे।

दोनों पक्ष आपूर्ति श्रृंखला में लचीलापन बढ़ाने और व्यापार निर्भरता से जुड़े जोखिमों को कम करने पर ध्यान केंद्रित करके आर्थिक सुरक्षा में सहयोग बढ़ाएंगे।

दोनों पक्ष सर्कुलर अर्थव्यवस्था और अपशिष्ट जल प्रबंधन के लिए टिकाऊ और पर्यावरण के अनुकूल तकनीकी समाधानों के क्षेत्र में सहयोग का विस्तार करेंगे।

ऊर्जा सुरक्षा के लिए घरेलू आपूर्ति पर अपनी ऐतिहासिक निर्भरता को स्वीकार करते हुएए दोनों पक्ष स्वच्छ ऊर्जा दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने और पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने के लिए स्वच्छ कोयला प्रौद्योगिकियों में सहयोग की खोज पर मिलकर काम करेंगे।

दोनों पक्ष परिवहन अवसंरचना के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ाने की संभावना तलाशेंगे।

दोनों पक्ष उड़ान संपर्कों के और विस्तार पर चर्चा करके और उसे आगे बढ़ाकर अपने देशों और संबंधित क्षेत्रों के बीच संपर्क बढ़ाने के लिए काम करेंगे।

दोनों पक्षों ने एक बार फिर से आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों की स्पष्ट निंदा की और इस बात पर जोर दिया कि किसी भी देश को उन लोगों को सुरक्षित पनाहगाह नहीं देनी चाहिए, जो आतंकवादी कृत्यों को वित्तपोषित योजना समर्थन या अंजाम देते हैं। दोनों पक्ष सभी आतंकवादियों के खिलाफ ठोस प्रयास करेंगे, जिसमें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद 1267 प्रतिबंध समिति द्वारा सूचीबद्ध समूहों से जुड़े व्यक्तियों को नामित करना भी शामिल है।

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